खगोलीय घड़ी ’’ऐस्ट्रानामिकल क्लाक ‘‘
टावर की सबसे लोकप्रिय हिस्सा टाउन हाल की घड़ी हैं । प्राग की खगोलीय घड़ी सबसे पुरानी और कभी निर्मित की गयी घडि़यो में से एक हैं । इसे पहली बार 1410 में स्थापित किया गया था और बाद में घड़ी का पुनर्निमाण गुरू हानस द्वारा 1490 में कराया गया । घड़ी तीन मुख्य पुर्जां से बनी हुई हैं-खगोलीय अंकपट्ट, आकाष में सूर्य और चन्द्रमा की स्थिति का वर्णन करना और विभिन्न खगोलीय जानकारी प्रदर्षित करना, ’ प्रचारकों की चाल‘ एक यंत्रवत कार्य हर घंटे प्रचारकों के आंकड़ो का प्रदर्षन और अन्य हिलते हुये पुर्जे और एक पंचांग डायल गोलाकार पदक के साथ महिनों को दर्षाता हैं ।
इस प्रदर्शन को देखने के लिये बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं । सुबह 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक पूरे दिन के दौरान घड़ी घंटी करती रहती हैं । मृत्यु के आंकड़े एक घंटी की तरह बजते हैं और उसके 12 प्रेरक दिखाई देते हैं । एक मुर्गा बांग लगाता हैं और तुर्क के लिए समय समाप्त हो जाता हैं, तो अविष्वास में अपना सिर हिलाता हैं। कंजूस, जिसकी आँखे हमेषा सोने के थैले पर होती हैं और घमण्डी, जो दर्पण में अपनी प्रंषसा करता हैं ।
पर्यटक घड़ी मीनार के अन्दर भी चढ़ सकता हैं और शहर की लाल छतों का भव्य दर्शन कर सकता हैं ।